Adani Groups ने जीता 'धारावी स्लम' के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की बोली
एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के कायाकल्प की कोशिश आखिर सफल होती दिख रही है। अदाणी समूह की कंपनी अडानी रियल्टी ने धारावी पुनर्विकास परियोजना की बोली जीती है। महाराष्ट्र सरकार ने 29 नवंबर को धारावी पुनर्विकास परियोजना की निविधा (टेंडर) की वित्तीय बोलियों को खोला। जिसमें अदाणी रियल्टी ने 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाकर इस परियोजना को प्राप्त किया। धारावी पुनर्विकास परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एसवीआर श्रीनिवास ने बताया कि हमें कुल तीन बोलियां मिली थी। हालांकि, केवल अदाणी और डीएलएफ अंतिम बोली में योग्य थे, क्योंकि अन्य बोली लगाने वाले, नमन समूह तकनीकि वजह से बोली से बाहर हो गए। अदाणी समूह ने परियोजना के लिए 5,069 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसके बाद डीएलएफ समूह ने 2,025 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इस परियोजना को प्राप्त करने के लिए सरकार की तरफ से न्यूनतम बोली की तय सीमा 1600 करोड़ रुपये तय की गई थी। श्री निवास ने कहा कि अब वह इस बोली को राज्य सरकार के पास मंजूरी के भेजेंगे। साथ ही धारावी पुनर्विकास के लिए एक एसपीवी का गठन किया जाएगा। जो इसके कामों की निगरानी करेगी। महाराष्ट्र स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी ने धारावी के रिडेवलेपमेंट के लिए निविदाएं 1 अक्टूबर, 2022 को आमंत्रित की थी। टेंडर भरने की अंतिम तारीख पहले 31 अक्टूबर थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 नवंबर कर दिया गया था। टेंडर खुलने के बाद बाद तकनीकी और वित्तीय योग्यता के आधार पर इनकी जांच की गई। भारत, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया की आठ कंपनियों ने 11 अक्टूबर को आयोजित बोली-पूर्व बैठक में धारावी के पुनर्विकास में रुचि दिखाई थी। इससे पहले, दो कंपनियों ने परियोजना में रुचि दिखाई थी, लेकिन अक्टूबर 2020 में पिछली राज्य सरकार ने तकनीकी आधार पर निविदा को रद्द कर दिया था। धारावी पुनर्विकास परियोजना की बोली प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राधिकरण इसे सरकार के बाद मंजूरी के लिए भेजेगा। महाराष्ट्र सरकार इस साल के अंत तक सभी प्रक्रियायों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। धारावी में रहने वाले 56 हजार परिवारों का पुनर्वास होगा। बोली जीतने वाली अडानी रियल्टी को धारावी पुनर्विकास परियोजना का काम सात साल की अवधि में पूरा करना होगा। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले प्रत्येक परिवार को घर 405 वर्ग फुट कारपेट एरिया के साथ मिलेगा । इस परियोजना के तहत चार मंजिला बिल्डिंग बनाई जाएगी। हाल ही सीईओ श्रीनिवास ने कहा था कि धारावी में पुनर्विकास के बाद अगला बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स बनने की क्षमता है। धारावी में अगले 17 वर्षों में एक करोड़ वर्ग फुट से अधिक जगह निर्माण होने की संभावना है। इसमें से 70-80 लाख वर्ग फुट का निर्माण पुनर्वास के लिए किया जाएगा । बाकी बचा हिस्सा बेचा जाएगा । धारावी के पुनर्विकास की योजना साल 1999 में बनी थी। दो दशक में तीन बार निविदा प्रक्रिया हो चुकी थी। चौथी बार फिर से निविदा आमंत्रित की गई थी। धारावी पुनर्विकास के नए प्रस्ताव में भारतीय कार्पोरेट कंपनी होने की शर्त रखी गई थी। करीब 600 एकड़ में धारावी का पुनर्विकास होना है, जहां 68000 झुग्गीवासियों के लिए 68000 पक्के घर बनाए जाएंगे। राज्य सरकार की योजना के तहत 1 जनवरी 2000 तक के वैध झुग्गीवासियों को मुफ्त में, बाकी झुग्गीवासियों को कंस्ट्रक्शन कॉस्ट के आधार पर 300 वर्गफुट का घर मिलेगा। इस परियोजना के लिए 28000 करोड़ खर्च का अनुमान लगाया गया था जिसमें अब 20 से 30 फीसदी बढ़ोत्तरी संभावित है। गौरतलब है कि धारावी असंगठित और लघु उद्योगों का केंद्र है । यहां दवा, चमड़ा, जूते और कपड़े बनाने की सैकड़ों इकाइयों काम करती हैं । यहां की आबादी करीब 10 लाख है और यह दुनिया की सबसे घनी आबादी वाली झुग्गी बस्तियों में से एक है । | |