मिनी फव्वारे

नारनौल | मिनीस्प्रिंकलर सिस्टम लगवाने के लिए अब कोई भी किसान आवेदन कर सकता है। पहले यह सुविधा बागवानी सब्जी उत्पादक किसानों के लिए ही थी। इसमें पानी की 70% तक बचत होती है तथा इस पर 60 से 90 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान है।


बता दें, महेंद्रगढ़ जिला तीन तरफ से राजस्थान से घिरा है। पिछले कुछ सालों से यहां बारिश सामान्य से कम होती है। नहरी सिस्टम का यहां अंतिम छोर है। जिससे यहां नहरी पानी की डिमांड भी कभी पूरी नहीं होती है। इसके चलते जिले में भूमिगत जलस्तर 100 से 1500 फीट की गहराई तक जा चुका है। हालात इस कदर विकट होते जा रहे हैं कि संपूर्ण जिला डार्क जोन घोषित होने की कगार पर है। वहीं भूमिगत जलस्तर गिरने के साथ यहां की जमीन भी ऊबड़ खाबड़ है। इसके चलते यहां फसलों की सिंचाई के लिए फव्वारा सिस्टम ही मुख्य विधि है। इस विधि से फ्लड विधि(खुला पानी) की तुलना में पानी की 60 फीसदी बचत होती है। वहीं परंपरागत फव्वारा सिस्टम की तुलना में मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम में 70 फीसदी तक पानी की बचत होती है। अब इसको कोई भी किसान लगवा सकता है। इच्छुक किसान घर बैठे एमआईएनईटी डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

यहहै उपयुक्त समय

मिनीस्प्रिंकलर लगवाने का सबसे उपयुक्त समय अप्रैल से जून माह तक का होता है। इस समय खेत खाली होते हैं। खाली खेतों में खुदाई करके किसान मेन पाइप लाइन डलवा सकते हैं। इससे खरीफ की फसल में खुदाई फसल टूटने आदि की दिक्कत नहीं आएगी। मेन लाइन डल जाने के बाद स्पोर्टिंग लाइनें तो फसल उगने के







बाद एक बार बिछा दी जाती हैं।


60 से 90 फीसदी तक सब्सिडी

मिनीस्प्रिंकलर सिस्टम पर 60 से 90 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान है। इसके अनुसार 5 या 5 एकड़ से कम के सामान्य वर्ग के किसान को 75 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। जबकि 5 एकड़ से अधिक के सामान्य वर्ग के किसान को 60 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। इसी प्रकार 5 या 5 एकड़ से कम के अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 90 फीसदी तथा 5 एकड़ से अधिक के अनुसूचित जाति के किसानों को 75 फीसदी सब्सिडी का प्रावधान है।

किसान करें ऑनलाइन आवेदन

^मिनीस्प्रिंकलर सिस्टम अब कोई भी किसान लगवा सकता है। इसके लिए ऑन लाइन आवेदन करना होगा। जिले में पानी की कमी के चलते यह सिस्टम वरदान साबित होगा। -मनदीपसिंह, जिला बागवानी अधिकारी, नारनौल।


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